मोटू पतलू की एक खास हिंदी कहानी | Motu Patlu Ki Kahani in Hindi

मोटू पतलू की एक खास हिंदी कहानी | Motu Patlu Ki Kahani in Hindi

मोटू पतलू की एक खास हिंदी कहानी | Motu Patlu Ki Kahani in Hindi

एक छोटे से गांव में रहते थे दो दोस्त, मोटू और पतलू। दोनों ही बहुत मित्रभावी और साथ में रहने वाले थे। मोटू भारी बढ़ते हुए वजन और गोल-मटोल आकार के थे, जबकि पतलू दुबले पतले और लम्बे थे। उनका दोस्ती का रिश्ता गांव के लोगों के बीच भी बड़ा प्रसिद्ध था। वे दोनों हर कठिनाईयों का सामना मिलकर करते और अपने मित्रता की मिसाल पेश करते थे।

एक बार, गांव में राजा बाहुबली का मेला आयोजित किया गया। इस मेले में गांव के लोगों को खुश करने के लिए अनेक सारे मजेदार खेल-कूद का आयोजन हुआ। मोटू और पतलू भी मेले में जाने के लिए उत्साहित थे। वे अपने अच्छे मित्र चंदू से मिलकर मेले की तैयारियों में लग गए।

मेले के अंदर आते ही, मोटू और पतलू को एक शानदार खिलौने की दुकान दिखाई दी। वे दोनों खिलौने देखकर बहुत खुश हुए और अपनी खुशियां चंदू के साथ बाँटने लगे। तभी उन्होंने देखा कि एक छोटी सी बच्ची रो रही थी क्योंकि उसके पास पैसे नहीं थे और वह उस खिलौने को खरीद नहीं सकी।

मोटू की दया देखकर, पतलू ने कहा, "आओ मोटू, उस बच्ची को उस खिलौने के लिए खरीदारी करने में मदद करें।"

मोटू भी खुशी-खुशी सहमत हो गए और उन्होंने उस बच्ची को खिलौने के लिए पैसे देकर उसे हंसाया। बच्ची को यह देखकर बहुत खुशी हुई और उसने मोटू और पतलू को धन्यवाद दिया।

इसके बाद, मोटू और पतलू ने मिलकर एक खेल खेलने का निर्णय किया। उन्होंने रिंग फेंकने का खेल चुना। खेल की शुरुआत होते ही, उन्होंने बेहतरीन ढंग से रिंग फेंकीं और अपनी मित्रता के बंधन को और मजबूत किया।

आगे बढ़ते हुए दिन बितते गए और मोटू और पतलू ने एक दूसरे के साथ हर खुशी और दुखी पल में साथ खड़े रहना सिखा। उन्होंने कई समस्याओं का सामना किया और एक दूसरे को साथ निभाकर हर मुश्किल का सामना किया।

एक दिन, गांव में एक आपदा आ गई, जिससे लोगों को बड़ी परेशानी हुई। गांव के लोग चिंतित और बेचारे महसूस कर रहे थे। मोटू और पतलू ने देखा कि उनके पड़ोसी गांव में लोगों को सहायता की बड़ी जरूरत है।

वे दोनों अपने दोस्त चंदू के साथ मिलकर लोगों की मदद करने का निर्णय लिया। उन्होंने खाने-पीने की वस्तुएं और बहुत सारे जरूरी सामग्री गांव के लोगों को पहुंचाई। इससे लोग बहुत खुश हुए और मोटू और पतलू को धन्यवाद दिया।

उनके इस नेक काम के कारण राजा बाहुबली ने उन्हें सराहा और उन्हें सम्मानित किया। मोटू और पतलू की मित्रता और उनके दिल की बड़ीबड़ी ने लोगों के दिलों में जगह बना ली।

इस तरह से, मोटू और पतलू की मित्रता के साथ खुशियां भरी एक खास हिंदी कहानी समाप्त होती है। यह हमें याद दिलाती है कि सच्ची मित्रता और दोस्ती का मूल्य कोई भी चीज से बड़ा नहीं होता है |

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