- Get link
- X
- Other Apps
- Get link
- X
- Other Apps
रसोईघर - Kitchen (कविता)
इस कविता के द्वारा रसोईघर में प्रयुक्त कुछ वस्तुओं को हिंदी शब्द के प्रयोग से कहा गया है |
आज रसोईघर की खिड़की,
मुन्ना-मुन्नी खोल रहे हैं |
अंदर देखा, चकला-बेलन,
चाकू-छलनी बोल रहे हैं |
मैं चाकू, सब्जी-फल काटू,
टुकड़ा-टुकड़ा सबको बाटू |
गाजर-मूली प्याज़-टमाटर,
छीलो काटो रखो सजाकर |
गोल चाँद-सी हूं मैं थाली,
बज सकती हूं बनकर ताली |
मुझमे रोटी-सब्जी डाली,
और सभी ने झटपट खा ली |
Comments
Post a Comment