समझदार राजू

इस हिंदी कहानी से बच्चे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि मुसीबत के समय घबराना नहीं चाहिए और हिम्मत से काम लेना चाहिए।

समझदार राजू

राजू कक्षा-चार में पढ़ता था। वह बड़ा समझदार और बहादुर बच्चा था। उसके खेत के पास से रेल की पटरी गुज़रती थी। एक दिन वह अपने खेत से घर लौट रहा था। तभी उसकी नजर एक टूटी हुई रेल की पटरी पर पड़ी। राजू घबरा गया और इधर-उधर देखने लगा ताकि वह किसी को इसके विषय में बता सके। लेकिन उसे आसपास कोई व्यक्ति नहीं दिखायी दिया। तभी

दूर से आती रेलगाड़ी दिखाई दी। वह चिंता में पड़ गया।


अगर वह गाड़ी रोकी नहीं गई तो अनेक लोगों की जानें चली जाएंगी। गाड़ी धीरे-धीरे उसी ओर बढ़ती चली आ रही थी।


अचानक उसको एक उपाय सूझा। उसने जल्दी से अपनी लाल

कमीज़ उतारी और उसे एक डंडे से बांधकर रेलगाड़ी की तरफ

ज़ोर-ज़ोर से लहराने लगा | रेलगाड़ी के ड्राइवर ने उसे लाल कपड़ा लहराते हुए देख लिया। उसे किसी अनजान खतरे का अहसास हो

गया और गाड़ी रोक दी।


अचानक गाड़ी रुकने से रेलगाड़ी के यात्री इधर-उधर देखने लगे। फिर जब उनको पता चला कि एक बच्चे की सूझ-बूझ से उनकी जान संकट में आने से बची है, तो सभी उसे शाबाशी देने लगे। बाद में गणतंत्र दिवस के अवसर पर उस बच्चे को बहादुरी के लिए स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा पुरस्कार दिया गया।

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