प्रार्थना

मनुष्य जीवन में सदभाव का प्रधान स्थान है। छोटे-बड़े का भेदभाव न रखते हुए सबके साथ मिलजुलकर रहना चाहिए, किसी का अपमान नहीं करना चाहिए और अपने देश के प्रति अभिमान रखना चाहिए।

प्रार्थना


सच बोलें सच बात विचारें।
भले काम पर जीवन बारें।।

मिलकर रहें, नियम अपनाएं।
बीती बातों को बिसराएं।।

छोटे-बड़े सभी मिल जाएं।
गिरे हुए को तुरंत उठाएं।

करें किसी का न अपमान ।
ऐसी ही मति दो भगवान ।।

एक रहें सदभाव रखें हम।
देश-देश में मान रखें हम ।।

हठ छोड़ें, संयम अपनाएं।
मातृभूमि पर बलि-बलि जाएँ।।

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