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खिल-खिल कर झरते रहते हैं।
रंग-बिरंगी मोहक छवि से,
अपने अन्तर की सुगन्ध से,
तन से, मन से, निज जीवन से,
सब जग को सुरभित करते हैं।
फूल सदा हँसते रहते हैं।।
रहो सदा सबसे हिल-मिल कर,
कष्ट सहो जीवन में हँस कर,
जियो सदा सबको सुख देकर,
फूल यही हमसे कहते हैं।
फूल सदा हँसते रहते हैं।।
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